- लगातार हो रही असफलताओं से निराश नही होना चाहिये..कभी कभी गुच्छे की आखरी चाबी ताला खोल देती है
- गुनाह है मेरा इतना..
जो तुमने मुझे दिया..मैंने शुक्रिया नहीं किया..
मुट्टी मे से निचोडने
दीजिए अब कौन है जो अब भी इसे लेना चाहेगा अभी भी सभी के हाथ उपर थे इसके
बाद नोट को गिराकर पैरों से कुचला अब नोट बेहद गंदा हो गया उन्होंने फिर
कहा कोन लेना चाहेगा सभी के हाथ अभी भी ऊपर थे तो संत बोले मैने इस नोट के
साथ इतना कुछ किया फिर भी आप इसे लेना चाहते हो क्योंकि इसकी कीमत घटी नही
जीवन मे कई बार हम गिरते है हमारे निर्णय हमें मिट्टी मे मिला देते है ऐसा
लगने लगता है कि हमारी कोई कीमत नही है लेकिन चाहे जो हो या भविष्य मे जो
हो जाए आपका मुल्य कम नही होता है याद रखे ईश्वर ने सबसे कीमती चीज दी है
वो है आपका जीवन...
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